टीईसी ने दूरसंचार प्रौद्योगिकियों एवं मानकीकरण में संयुक्त अध्ययन एवं तकनीकी योगदान पर सहयोग करने के लिए एसआरएमआईएसटी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया

 

टीईसी ने दूरसंचार प्रौद्योगिकियों एवं मानकीकरण में संयुक्त अध्ययन एवं तकनीकी योगदान पर सहयोग करने के लिए एसआरएमआईएसटी के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किया


स्वदेशी दूरसंचार अनुसंधान एवं विकास तथा विनिर्माण को बढ़ावा देकर आत्मनिर्भर भारत को बढ़ावा देने के लिए रणनीतिक साझेदारी

सहयोग का उद्देश्य स्वदेशी अनुसंधान एवं विकास में तेजी लाना और वैश्विक मानकीकरण प्रक्रियाओं में भारत के प्रभाव को बढ़ाना है

नई दिल्ली(PIB): दूरसंचार इंजीनियरिंग केंद्र (टीईसी), भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (डीओटी) की तकनीकी शाखाने उन्नत दूरसंचार प्रौद्योगिकियों एवं वैश्विक मानकीकरण गतिविधियों में संयुक्त अध्ययनअनुसंधान एवं तकनीकी योगदान पर सहयोग करने के लिए एसआरएम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (एसआरएमआईएसटी) के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किया है।

इस साझेदारी का उद्देश्य भारत-विशिष्ट मानकों एवं परीक्षण संरचनाओं का विकास एवं भविष्य के नेटवर्क प्रौद्योगिकियों की खोज करना है जैसे कि 6जीआर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई)एनटीएनक्वांटम संचार तथा भारत की भागीदारी को आईटीयू-टीआईटीयू-डीआईटीयू-आर (अंतर्राष्ट्रीय दूरसंचार संघ-दूरसंचार मानकीकरण क्षेत्रदूरसंचार विकास क्षेत्र और दूरसंचार विकास क्षेत्र) अध्ययन और फोकस समूहों में बढ़ाना देना आदि।एमओयू पर 13 नवंबर 2025 को श्री अमित कुमार श्रीवास्तव, डीडीजी (मोबाइल टेक्नोलॉजीज) टीईसी और डॉ. एस. पोन्नुसामी, रजिस्ट्रार, एसआरएमआईएसटी द्वारा एसआरएमआईएसटी कट्टनकुलथुर, चेंगलपट्टू में हस्ताक्षर किया गया, जिसमें श्री पवन गुप्ता, डीडीजी (प्रशासन) टीईसी, प्रो. सी. मुथामिझचेलवन, कुलपति एसआरएमआईएसटी और डॉ. रेवती वेंकटरमन, प्रोफेसर और अध्यक्ष (स्कूल ऑफ कंप्यूटिंग), एसआरएमआईएसटी उपस्थित थे। 

यह साझेदारी टीईसी के लिए अगली पीढ़ी के दूरसंचार एवं मानकीकरण गतिविधियों पर एसआरएमआईएसटी के साथ संयुक्त रूप से काम करने के लिए एक औपचारिक संरचना तैयार करती है।

सहयोग के प्रमुख क्षेत्र:

6जी: एआई-संचालित संसाधन वितरणकुशल शेड्यूलिंगअल्प विलंबता वाला कोडिंग एवं कंप्यूटेशन-सूचित नेटवर्किंग पर सहयोगात्मक शोध। 6जी वास्तुकला एवं सक्षम तकनीकों की खोज।

डिजिटल ट्विन: नेटवर्क व्यवहार मॉडलिंग एवं अनुकूलन के लिए संरचना का संयुक्त विकास।

क्वांटम संचार: क्वांटम संचार प्रोटोकॉलक्वांटम क्रिप्टोग्राफीऔर क्वांटम-सहायित 6जी आर्किटेक्चर पर अध्ययन।

कोर एआई एवं वितरित इंटेलिजेंस: वास्तविक समय विश्लेषणस्वचालन एवं पूर्वानुमानित रखरखाव समाधान का विकास।

एआई एवं जनरेटिव मॉडल: नेटवर्क स्वचालन के लिए एलएलएमजनरेटिव एआईसंघबद्ध शिक्षण एवं नेटवर्क ऑटोमेशन के लिए अनुकूलनीय न्यूरल आर्किटेक्चर में शोध।

साइबर सुरक्षा: सुरक्षित एवं लचीले संचार नेटवर्क पर सहयोगात्मक अनुसंधान।

आरएफमाइक्रोवेव और टेराहर्ट्ज: उन्नत वायरलेस संचार प्रौद्योगिकियों में संयुक्त अनुसंधान।

एमएमवेव और संज्ञानात्मक रेडियो: बीमफॉर्मिंग और स्पेक्ट्रम-कुशल संचार पर सहयोगात्मक अध्ययन।

ऑप्टिकल संचार: ऑप्टिकल संचार एवं ऑप्टिकल वायरलेस संचार प्रणालियों में सहयोगात्मक अनुसंधान।

गैर-स्थलीय नेटवर्क (एनटीएन): उपग्रह-स्थलीय एकीकरण और एचएपीएस पर मानकीकरण और अनुसंधान।

खुला आरएएन और नेटवर्क डिसएग्रीगेशन: ओपन इंटरफेसऑर्केस्ट्रेशन और पारस्परिकता पर अध्ययन।

इस साझेदारी का उद्देश्य स्वदेशी अनुसंधान एवं विकास में तेजी लाना तथा आईटीयू और 3जीपीपी जैसे वैश्विक मानकीकरण निकायों में भारत के योगदान को मजबूत करके वैश्विक मानकीकरण प्रक्रियाओं में भारत के प्रभाव को बढ़ाना है।

यह सहयोग दूरसंचार क्षेत्र में स्वदेशी अनुसंधानडिजाइन और विनिर्माण को मजबूत करके आत्मनिर्भर भारत के दृष्टिकोण को आगे बढ़ाएगा, भारत-विशिष्ट मानकोंपरीक्षण रूपरेखाओं और घरेलू समाधानों का विकास करेगा जो राष्ट्रीय आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देंगेमहत्वपूर्ण संचार अवसंरचना को सुरक्षित करेंगे और आयात पर निर्भरता में कमी लाएंगे।

टीईसी के संदर्भ में

दूरसंचार इंजीनियरिंग केंद्र (टीईसी) भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (डीओटी) की तकनीकी शाखा है। टीईसी भारत में दूरसंचार उपकरणों और नेटवर्कों के लिए तकनीकी मानकविनिर्देश और अनुरूपता मूल्यांकन आवश्यकताएँ तैयार करता हैजिससे अंतर-संचालनीयतागुणवत्ता और वैश्विक सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ संरेखण सुनिश्चित होता है। टीईसी आईटीयू-टीआईटीयू-आर जैसे अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत का प्रतिनिधित्व करता है और वैश्विक मानकीकरण गतिविधियों के लिए राष्ट्रीय कार्य समूहों का समन्वय करता है।

एसआरएमआईएसटी के संदर्भ में

एसआरएम विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संस्थान (एसआरएमआईएसटी) की स्थापना 1985 में चेन्नई के निकट कट्टनकुलथुर में हुई थी। एसआरएमआईएसटीएक मानद विश्वविद्यालय है और इसकी कृत्रिम बुद्धिमत्तासाइबर सुरक्षाउन्नत दूरसंचारक्वांटम संचार और उभरते आईसीटी क्षेत्रों में मजबूत शैक्षणिक और अनुसंधान क्षमताएँ हैं।

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